
वसीम खान मऊ रिपोर्टर
मऊ, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा हाल ही में ऊर्जा भवन में अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान दिए गए बयान को लेकर मचा विवाद अब नया मोड़ लेता दिख रहा है। इस बयान पर जहां कुछ तथाकथित व्यापारी नेताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है, वहीं मऊ व्यापार मंच ने मंत्री के बयान का खुलकर समर्थन किया है और विरोध करने वालों को अराजक तत्व बताया है।
ऊर्जा मंत्री ने अपने बयान में कहा था कि “बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है, जहां पैसा नहीं देने पर सामान नहीं मिलेगा।” इस पर कुछ वर्गों ने आपत्ति जताई थी, जबकि व्यापार मंच ने इसे बिजली विभाग की दुर्व्यवस्था पर दिया गया सार्थक और सत्यपरक बयान बताया है।
व्यापार मंच के पदाधिकारियों की प्रतिक्रिया:
- श्रीराम जायसवाल, मऊ व्यापार मंच के अध्यक्ष, ने स्पष्ट कहा कि ऊर्जा मंत्री का बयान बिजली विभाग की अव्यवस्था और जनता की समस्याओं को लेकर था। इसमें कहीं भी वैश्य समाज या बनिया समाज को नीचा दिखाने का कोई भाव नहीं है। कुछ लोग जानबूझकर इस बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं, जो कि निंदनीय है।
- रवि खुशवानी, सिंधी व्यापार संगठन से जुड़े पदाधिकारी ने कहा कि ऊर्जा मंत्री के बयान में किसी जाति या समुदाय विशेष को लेकर आपत्तिजनक शब्द नहीं बोले गए। उन्होंने विभागीय स्थिति पर बात की है, न कि समाज पर।
विरोध करने वालों पर आरोप:
मंच के पदाधिकारियों ने विरोध करने वालों को अराजक तत्व करार दिया और कहा कि ये लोग खुद को व्यापारी समाज का प्रतिनिधि बताकर व्यापारियों की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से किया जा रहा विरोध है।
निष्कर्ष:
मऊ व्यापार मंच ने स्पष्ट रूप से ऊर्जा मंत्री के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि उनका बयान बिजली की बदहाली को लेकर था और उसमें कहीं से भी कोई अनुचित या आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की गई है। मंच ने अपील की है कि इस बयान को गलत संदर्भ में लेकर समाज में भ्रम न फैलाया जाए।