
वसीम खान मऊ रिपोर्टर
मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ)। मुहर्रम का पर्व रविवार को मुहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र में पूरी पारंपरिक श्रद्धा, शांति और अनुशासन के साथ मनाया गया। इमाम हुसैन की शहादत की याद में क्षेत्र के विभिन्न गांवों से ताज़ियादारी जुलूस निकाले गए, जिनमें बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने भाग लिया।

जुलूसों में युवाओं ने सीना ज़नी करते हुए “या हुसैन या हुसैन” की सदाओं से वातावरण को ग़मगीन कर दिया। पूरे कार्यक्रम में शांति और अनुशासन का विशेष ध्यान रखा गया।
मुहर्रम के जुलूस की विशेषताएं:
- ताज़ियादारी जुलूस: विभिन्न गांवों से भव्य ताज़ियादारी जुलूस निकाले गए, जिसमें श्रद्धालु दूर-दूर से शामिल हुए।
- सीना ज़नी और नारे: युवाओं ने करबला की याद में सीना ज़नी की और “या हुसैन” के नारे लगाकर शहादत को सलाम किया।
- सबीलें: जुलूस मार्ग पर जगह-जगह लोगों ने शर्बत, पानी और चाय की सबीलें लगाकर सेवा भावना दिखाई।
- स्थानीय सहयोग और प्रशासनिक निगरानी: पुलिस प्रशासन की निगरानी और स्थानीय लोगों के सहयोग से सभी कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए।
मजलिसों का आयोजन:
जगह-जगह मजलिसों का आयोजन हुआ, जहां उलमा-ए-किराम ने करबला की घटना पर तक़रीरें पेश कीं। हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की कुर्बानी को याद करते हुए लोगों ने आंखों में अश्रु भर श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम में सभी समुदायों के लोगों ने सहभागिता निभाई, जिससे क्षेत्र में आपसी भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिली। मुहम्मदाबाद गोहना में मुहर्रम का यह आयोजन अनुशासन, श्रद्धा और एकता का प्रतीक बन गया।