
संवाददाता वसीम खान मऊ रिपोर्टर
मऊ विकास अधिकारी प्रशांत नागर ने जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, डॉक्टरों की उपस्थिति तथा दवाओं की उपलब्धता का आकलन किया गया। निरीक्षण के दौरान कई खामियां सामने आईं, जिन पर मुख्य विकास अधिकारी ने सख्त रुख अपनाया।
निरीक्षण के दौरान डॉ. मुकुल मौर्य, डॉ. पी.एन. चतुर्वेदी और डॉ. मोहम्मद आमिर बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाए गए। इस पर सीडीओ ने नाराजगी जताते हुए तीनों डॉक्टरों को दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आयुष विभाग में दवाओं की अनुपलब्धता पर भी सवाल उठे। संबंधित चिकित्सक ने बताया कि पिछले एक वर्ष से बजट आवंटन न होने के कारण दवाएं स्टोर में उपलब्ध नहीं हैं। इस पर सीडीओ ने बजट के लिए शासन से पत्राचार करने के निर्देश दिए।
मुख्य विकास अधिकारी ने सीएमएस को निर्देशित किया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति रजिस्टर से पिछले एक माह की उपस्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि डॉक्टरों की नियमितता की जांच की जा सके।
निरीक्षण के अंत में सीडीओ ने कहा कि जिला चिकित्सालय में मरीजों को सभी अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता है। लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों व चिकित्सकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए तत्परता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।