
वसीम खान मऊ रिपोर्टर
मऊ। मंगलवार की सुबह मोहल्ला मिर्जाहाजीपुरा की गलियों में जब आज़मी हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर की मोबाइल मेडिकल टीम पहुंची, तो माहौल कुछ अलग था। बिना किसी राजनीतिक शोर या प्रचार के, मोहल्ले में सेहत की गाड़ी उतरी — और लोगों की उम्मीदें उससे जुड़ गईं।
नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में 140 से अधिक मरीजों की जांच की गई और उन्हें उचित सलाह व मुफ्त दवाएं दी गईं। शिविर की सबसे खास बात यह रही कि यहां न सिर्फ इलाज हुआ, बल्कि लोगों को सम्मान और विश्वास भी मिला।
हॉस्पिटल के सीईओ डॉ. पंकज सिंह खुद शिविर में मौजूद रहे और मरीजों से बातचीत कर उनका हाल जाना। उन्होंने कहा, “हम हॉस्पिटल नहीं, सेवा का सपना लेकर निकले हैं। इलाज वहीं होता है जहां इंसानियत हो।”
डॉ. नलिनी सिंह ने विशेष रूप से महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं पर परामर्श दिया। उनकी सहजता और संवेदनशील व्यवहार ने कई महिलाओं को पहली बार खुलकर अपनी बीमारी बताने का हौसला दिया।
डॉ. मोबश्शेरा आतिफ, डॉ. मोहम्मद आतिफ और डॉ. अभिनंदन पाल ने भी अपने चिकित्सा अनुभव से मरीजों को राहत दी।
शिविर में आने वालों में कोई शुगर से जूझ रहा था, कोई लंबे समय से बुखार से परेशान था, तो किसी को जोड़ों में सूजन की शिकायत थी। सबको बिना किसी शुल्क के उपचार, दवाएं और मार्गदर्शन मिला।
एक बुजुर्ग महिला रज़िया खातून ने भावुक होते हुए कहा, “इतने सालों में पहली बार किसी डॉक्टर ने मेरी पूरी बात सुनी… यह इलाज नहीं, इज्ज़त है जो आज मिली है।”
शिविर के अंत तक दवाएं कम पड़ गईं, लेकिन सेवा का भाव और समर्पण कम नहीं हुआ।
आज़मी हॉस्पिटल की टीम ने इसे एक नई शुरुआत बताते हुए वादा किया कि ऐसे शिविर अब मऊ के हर कोने में लगाए जाएंगे, ताकि हर जरूरतमंद को इलाज के साथ आत्मसम्मान भी मिल सके।