
संवाददाता प्रदीप कुमार शर्मा
गाज़ीपुर – उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 5000 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज (विलय) करने के फैसले का विरोध अब प्रदेशभर में जोर पकड़ता जा रहा है। इसी क्रम में गाज़ीपुर जनपद में प्राथमिक शिक्षक संघ ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया।
धरने में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए, जिनके हाथों में विरोधी नारे लिखे बैनर और पोस्टर थे। उन्होंने सरकार के फैसले को शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 (RTE) के खिलाफ बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।

जिले में फिलहाल 50 से कम छात्र संख्या वाले 104 प्राथमिक विद्यालयों को पास के अन्य विद्यालयों में मर्ज करने का प्रस्ताव है। शिक्षक संघ का कहना है कि यह फैसला ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों के बच्चों की शिक्षा पर सीधा हमला है।
संघ के जिला अध्यक्ष जितेंद्र यादव ने कहा,
“हमारा आंदोलन तीन चरणों में चल रहा है – पहले चरण में हमने ब्लॉक स्तर पर बैठकें कीं, दूसरे चरण में ट्विटर अभियान चलाया और अब तीसरे चरण में प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जब तक सरकार यह जनविरोधी फैसला वापस नहीं लेती, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो शिक्षक संगठन बड़े स्तर पर आंदोलन को और तेज करेगा।
शिक्षकों का कहना है कि गांवों में विद्यालय बंद होने से बच्चों को दूरस्थ विद्यालयों में जाना पड़ेगा, जिससे विशेषकर बालिकाओं और छोटे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी। यह न केवल शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि सामाजिक असमानता को भी बढ़ावा देगा।
प्रदेश के अन्य 75 जिलों में भी इसी तरह के धरने आयोजित किए जा रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि राज्य सरकार इस व्यापक विरोध पर क्या रुख अपनाती है और क्या कोई समाधान निकाला जाता है।