
वसीम खान मऊ रिपोर्टर
मऊ जनपद के खुदहट गांव में स्थित देई माता मंदिर एक प्राचीन और आस्था का प्रतीक स्थल है, जहां दूर-दराज़ से श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। परंतु विगत कुछ समय से मंदिर के विकास कार्यों में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार, जयराम पांडे नामक व्यक्ति, जिन्हें पूर्व में मंदिर समिति द्वारा कुछ जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं, अब मंदिर के विकास में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं। समिति का आरोप है कि जयराम पांडे ने मंदिर के धन का कोई स्पष्ट लेखा-जोखा नहीं दिया और लगातार समिति के सदस्यों से विवाद करते रहते हैं।
मंदिर की प्रमुख समस्याएं:
- बाउंड्री वॉल निर्माण में रुकावट: मंदिर समिति ने जब चारों ओर बाउंड्री वॉल निर्माण का प्रयास किया तो जयराम पांडे ने इसका विरोध किया। इससे श्रद्धालुओं को पूजा-पाठ में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- पूजा में व्यवधान: उनके व्यवहार से मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना भी बाधित हो रही है।
- सुरक्षा की चिंता: बाउंड्री वॉल न होने के कारण आवारा पशु मंदिर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है।
मंदिर समिति की प्रतिक्रिया:
समिति ने जयराम पांडे को उनके पद से हटा दिया है, फिर भी वे अब भी निर्माण कार्य में अड़चनें पैदा कर रहे हैं। मंदिर समिति मंदिर के सौंदर्यीकरण और भव्य निर्माण में जुटी है, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
निष्कर्ष:
देई माता मंदिर के समुचित विकास एवं श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु बाउंड्री वॉल का निर्माण अत्यावश्यक है। समिति को प्रशासन से सहयोग लेकर ऐसे तत्वों पर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि मंदिर का गौरव और सुरक्षा बनी रह सके।