
संवाददाता प्रदीप कुमार शर्मा
जनपद गाजीपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 63.105 मीटर को पार कर गया है और यह फिलहाल प्रति घंटे 4 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दोपहर 12 बजे तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 0.040 मीटर ऊपर दर्ज किया गया है। स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है।

इस बीच सावन के अंतिम सोमवार (4 अगस्त) को लेकर डीएम अविनाश कुमार और एसपी डॉ. इरज राजा ने गंगा घाटों का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। विशेष रूप से ददरीघाट पर निरीक्षण किया गया, जहां श्रृद्धालुओं और कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है।
डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि स्नान को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए घाटों पर बैरिकेटिंग, नाव, गोताखोर, पुलिस बल, पंप सेट, मेडिकल टीम और अन्य जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। कांवड़ियों को सुरक्षित स्थानों पर पंप के माध्यम से गंगा जल उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे बिना खतरे के स्नान कर सकें।
प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं और तटवर्ती लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की गई है। डीएम और एसपी ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि किसी भी परिस्थिति में तत्परता के साथ कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
जिले की 7 में से 5 तहसीलें वर्तमान में बाढ़ की चपेट में हैं और करीब 450 से अधिक गांव प्रभावित बताए जा रहे हैं। प्रशासन ने पहले से ही 160 बाढ़ चौकियां, 44 बाढ़ शरणालय, 35 बाढ़ राहत केंद्र, 500 आपदा मित्र, और 300 से अधिक नावों की व्यवस्था कर रखी है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
यह तैयारी और सतर्कता गाजीपुर प्रशासन की बाढ़ प्रबंधन क्षमता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।