
व्यूरो रिपोर्ट रविशंकर मिश्रा
चंदौली, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें चंदौली जनपद के दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी राजेश कुमार नायक यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि वह एक मामले में रिपोर्ट नहीं दे पा रहे हैं क्योंकि कुछ “माननीय जी” के दबाव में हैं। इस वीडियो ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वीडियो में अधिकारी स्पष्ट रूप से कहते सुने जा सकते हैं कि वह मामले की जांच कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग बीच में दखल दे रहे हैं, जिससे निष्पक्ष रिपोर्ट तैयार करना मुश्किल हो रहा है। शिकायतकर्ता करीब तीन वर्षों से न्याय के लिए दौड़-भाग कर रहा है, लेकिन अभी तक उसे संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रदेश के अधिकारियों को पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कार्य करने के निर्देश देते रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वयं कई बार चेतावनी दे चुके हैं कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या पक्षपात सामने आता है, तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद, इस वायरल वीडियो में यदि कही गई बातें सही हैं, तो यह प्रशासनिक व्यवस्था पर एक गहरा धब्बा है।
इस घटना से यह भी संकेत मिलता है कि चंदौली जनपद में कुछ जनप्रतिनिधियों का प्रभाव इतना अधिक है कि अधिकारी स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। यदि अधिकारी स्वयं सार्वजनिक रूप से यह कह रहे हैं कि दबाव के चलते रिपोर्ट नहीं दी जा रही है, तो यह न केवल शिकायतकर्ता के लिए अन्याय है, बल्कि यह समूचे शासन तंत्र की साख पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
हालांकि, यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि समाचार टाइम्स इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन यदि इसमें कोई सच्चाई है, तो प्रशासन को इसकी उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस पूरे मामले ने यह सोचने पर विवश कर दिया है कि क्या वाकई अधिकारियों की “कलम” अब जनप्रतिनिधियों की मर्जी से चल रही है? अगर ऐसा है, तो यह लोकतंत्र और प्रशासन दोनों के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
इस मामले में जब समाचार टाइम के टीम ने राजेश कुमार नायक दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी से बात किया तो उन्होंने बताया कि किसी का दबाव नहीं है जब वीडियो के विषय में पूछा तो उनका यह भी कहना है कि हमको किसी वायरल वीडियो का फर्क नहीं है इस बात से स्पष्ट होता है कि इस अधिकारी पर किसी बड़े लोगों का हाथ है, साहब यह भी बोल रहे हैं कि अधिकारी डरे हुए हैं, हमारा कर्मचारी ही खुद सही से काम नहीं कर पा रहा है एकदम नालायक है