
वसीम खान मऊ रिपोर्टर
संवादता वसीम खान : मुहम्मदाबाद गोहना के सिगार्डी पाठव स्थित रविदास मंदिर की भूमि पर अवैध कब्ज़ा और निर्माण को लेकर विवाद गहरा गया है। यह मंदिर पिछले 25 वर्षों से क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बना हुआ है। यहां हर वर्ष हजारों लोग पूजा-अर्चना, धार्मिक समारोह और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने आते हैं। लेकिन अब इस मंदिर की भूमि पर अवैध निर्माण और कब्ज़ा करने की कोशिशें की जा रही हैं, जो मंदिर की पहचान और अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा बन गई हैं।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मंदिर की भूमि को आवासीय प्रयोजन में दर्ज करा लिया है और अब उस भूमि पर अवैध निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि पूरी तरह से मंदिर के उपयोग के लिए है, और इसका कोई भी अन्य प्रयोजन बनाना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि समाज में धार्मिक असहमति और तनाव भी उत्पन्न कर सकता है। ग्रामीणों ने इस मामले में प्रशासन की लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से तुरंत कार्रवाई की अपील की है।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर इस अवैध कब्ज़े की जांच कराकर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस मामले पर शीघ्रता से ध्यान नहीं दिया गया, तो न केवल मंदिर की भूमि पर और अधिक अवैध कब्ज़ा हो सकता है, बल्कि क्षेत्र में सामाजिक और धार्मिक तनाव भी बढ़ सकता है।
मंदिर के पुजारी और स्थानीय लोग इस मामले को लेकर बेहद चिंतित हैं। पुजारी ने कहा, “यह मंदिर हम सबकी आस्था का केंद्र है। यहां हर दिन लोग आते हैं, पूजा करते हैं, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। अगर इस मंदिर की भूमि पर कब्ज़ा किया जाता है, तो यह सिर्फ हमारे धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा, बल्कि क्षेत्रीय शांति और सद्भाव भी खतरे में पड़ेगा।”
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि यह अवैध कब्ज़ा ऐसे ही चलता रहा, तो इससे न केवल मंदिर की धार्मिक स्थिति प्रभावित होगी, बल्कि आसपास के गांवों में भी लोगों का विश्वास प्रशासन और सरकार पर से उठ सकता है। लोग अब यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर प्रशासन इस मामले में कार्रवाई नहीं करेगा, तो फिर उनकी आस्था और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा कौन करेगा?
स्थानीय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस मुद्दे की जांच शुरू की जाएगी। प्रशासन का कहना है कि यदि आरोप सही पाए गए, तो मंदिर की भूमि को कब्ज़े से मुक्त कराया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि यह विवाद और तनाव बढ़ने से पहले हल हो सके। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि छोटे से छोटे विवाद भी अगर समय रहते न सुलझाए जाएं, तो बड़े सामाजिक और धार्मिक टकराव का कारण बन सकते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि जिलाधिकारी और स्थानीय प्रशासन उनकी आवाज़ सुनेंगे और इस मामले में उचित कदम उठाएंगे, ताकि इस ऐतिहासिक मंदिर की भूमि को सुरक्षित किया जा सके और मंदिर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को कायम रखा जा सके।