
संवाददाता प्रदीप कुमार शर्मा
भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद उनके बड़े भाई शशिकांत उपाध्याय ने प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन द्वारा 10 लाख रुपये देकर पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि जो भी व्यक्ति या अधिकारी परिवार से मिलने आ रहा है, वह न्याय दिलाने की बात नहीं कर रहा, बल्कि समझौता करने का सुझाव दे रहा है।
शशिकांत उपाध्याय ने यह भी बताया कि अब तक पीड़ित परिवार को एफआईआर की कॉपी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को योजनाबद्ध तरीके से रफा-दफा करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन ने जो 10 लाख रुपये दिए हैं, उसे भी वे वापस करने को तैयार हैं, क्योंकि उन्हें इंसाफ चाहिए, न कि मुआवज़ा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सियाराम उपाध्याय की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है, जिससे परिवार बेहद नाराज़ है। उनका कहना है कि सरकार ने जांच और कार्रवाई का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के जरिए मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
शशिकांत उपाध्याय ने उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी सीधा निशाना साधते हुए कहा कि सरकार न्याय के बजाय मामले को दबाने में जुटी है। उन्होंने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।