
व्यूरो रिपोर्ट रविशंकर मिश्रा
चंदौली धान की फसल बर्बाद होने के बाद अब गेहूं की फसल भी भगवान भरोसे है। जिले के किसान खुद को पूरी तरह से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। किसानों का सवाल है कि क्या इस जिले में कोई ऐसा अधिकारी या जनप्रतिनिधि है जो वास्तव में उनके दर्द को सुनने और समझने वाला हो। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद न तो प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है और न ही जनप्रतिनिधियों की सक्रियता दिखाई दे रही है।

गोधना से लेवा मोड़ तक चकिया मार्ग चौड़ीकरण के दौरान नियामताबाद ब्लॉक अंतर्गत पांडेयपुर बुधवार के बास के पास स्थित ओल्ड गढ़ई नदी पर पीडब्ल्यूडी द्वारा मिट्टी डालकर कब्जा कर लिया गया। किसानों का आरोप है कि इस अवैध भराव के कारण नदी का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हो गया। पूर्व में आई दैवी आपदा के दौरान जब बाढ़ आई तो ओल्ड गढ़ई नदी का पानी खेतों में फैल गया, जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई।

बाढ़ के बाद सिंचाई विभाग के चीफ सिद्धार्थ सिंह सहित विभागीय अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ओल्ड गढ़ई नदी का निरीक्षण किया था। उस समय उन्होंने पीडब्ल्यूडी को कड़ी फटकार लगाई थी और स्पष्ट कहा था कि जब तक किसानों को संतुष्ट नहीं किया जाएगा, तब तक इस मार्ग पर कोई कार्य नहीं होगा। यह भी सवाल उठा था कि उक्त भूमि पीडब्ल्यूडी के नाम दर्ज नहीं है ।यह ओल्ड गढ़ई नदी के नाम से दर्ज है निरीक्षण और आश्वासन के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। अब जब गेहूं की फसल की सिंचाई का समय आया है, तो नदी पाटे जाने के कारण उसमें पर्याप्त पानी ही नहीं बचा है। किसान अपनी खेतों की भराई नहीं कर पा रहे हैं। नहरें और सहायक जलस्रोत सूखे पड़े हैं, जिससे गेहूं की फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है।
किसानों का कहना है कि उन्होंने इस समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के सामने अपनी बात रखी, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। न तो नदी से मिट्टी हटाई गई और न ही सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। प्रशासन की उदासीनता के चलते किसानों की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
ग्रामीणों का साफ कहना है कि धान की फसल तो पहले ही बाढ़ में तबाह हो चुकी है और अब यदि गेहूं की फसल भी नष्ट हो गई तो उनके सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। किसानों ने मांग की है कि ओल्ड गढ़ई नदी को तत्काल अतिक्रमण मुक्त कराया जाए, दोषी विभाग पर कार्रवाई हो
पीडब्ल्यूडी विभाग का कहना है कि जितना जमीन हमने लिया है उतना जमीन हम किसानों को खोज कर देंगे




