
संवाददाता विरेन्द्र प्रताप सिंह
चंदौली जनपद के शहाबगंज ब्लॉक से महज तीन किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सारिंगपुर के अंतर्गत स्थित प्राथमिक विद्यालय तकिया (महडौर) आज भी बिजली जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है। सरकार की स्मार्ट क्लास और डिजिटल शिक्षा की योजनाओं के बावजूद यह विद्यालय अंधेरे में बच्चों को शिक्षा देने को मजबूर है। न तो पंखे चल रहे हैं, न ही कोई डिजिटल उपकरण उपयोग में लाया जा रहा है। तेज गर्मी और उमस में बच्चों को बिना बिजली के पढ़ना पड़ रहा है, जिससे उनका शैक्षणिक विकास प्रभावित हो रहा है।
विद्यालय ही नहीं, बल्कि आसपास के कई घरों में भी अब तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों ने बताया कि बिना कनेक्शन के ही बिजली बिल भेजे जा रहे हैं। थाना समाधान दिवस पर शिकायत करने के बावजूद समाधान नहीं हुआ। कुछ लोगों ने निजी स्तर पर कनेक्शन लिया है, लेकिन विद्यालय अब भी उपेक्षित है।
विद्युत विभाग के एसडीओ अरविंद कुमार बिंद ने बताया कि विद्यालय का विद्युत स्टिमेट पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है और अब केवल शिक्षा विभाग को धनराशि जमा करनी है। वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है और जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं।
इन विरोधाभासी बयानों से स्पष्ट है कि विद्युत कनेक्शन की प्रक्रिया विभागीय समन्वय की कमी के चलते अटकी हुई है। ग्रामीणों में इस लापरवाही को लेकर गहरी नाराजगी है। एसडीओ ने बताया कि क्षेत्र में आरडीएसएस (RDSS) सेकंड योजना के अंतर्गत बिजली व्यवस्था को सुधारने का कार्य शीघ्र शुरू होगा। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अपील की है कि विद्यालय को शीघ्र बिजली सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि बच्चों को बेहतर शैक्षिक वातावरण मिल सके।