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अब नहीं चलेगा झाड़-फूंक का खेल, नौगढ़ में सर्पदंश से दो मौतों के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग

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हर घर जाएगी आशा, बताएगी– सांप के काटने पर झाड़-फूंक नहीं, अस्पताल ही सही रास्ता

संवाददाता
विनोद कुमार यादव

नौगढ़ चन्दौली ।
तहसील नौगढ़ से आई दिल दहला देने वाली खबर ने पूरे स्वास्थ्य महकमे को झकझोर दिया है। जुलाई महीने में सांप के काटने के पांच मामलों में दो लोगों ने इलाज की जगह झाड़-फूंक को चुना— और जान से हाथ धो बैठे। अब स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। झाड़-फूंक की अंधपरंपरा को खत्म करने के लिए गांव-गांव जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
आशा बहुएं बनेंगी ग्रामीणों की रक्षक
नौगढ़ ब्लॉक के हर गांव, हर टोले में अब आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को समझाएंगी कि सर्पदंश का इलाज सिर्फ और सिर्फ अस्पताल में संभव है। उन्हें साफ निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी व्यक्ति को सांप काटने की स्थिति में झाड़-फूंक में वक्त न गंवाएं, फौरन अस्पताल पहुंचाएं।

“अब अफसोस नहीं, जवाबदेही तय होगी” – अधीक्षक डॉ. अवधेश पटेल

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ में बुलाई गई विशेष बैठक में सीएचसी अधीक्षक डॉ. अवधेश पटेल ने दो टूक कहा – “आशाएं इस क्षेत्र की आंख और कान हैं। अगर किसी की मौत सिर्फ इसलिए होती है कि वो समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा, तो इसकी जिम्मेदारी तय होगी।” उन्होंने जानकारी दी कि अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त मात्रा में डोज उपलब्ध है और इलाज पूरी तरह निशुल्क है।

बसौली की घटना बनी चेतावनी

डॉ.अवधेश पटेल ने बताया कि बसौली गांव की एक महिला को सांप ने काटा था। लेकिन परिवारवाले उसे झाड़-फूंक के लिए ले गए। अस्पताल लाने में देर हुई और उसकी जान नहीं बच सकी। यह घटना विभाग के लिए एक चेतावनी बन गई है।

अब आशा बहू नहीं सिर्फ दवाओं की बात करेगी, टोटकों की नहीं

बैठक में आशा कार्यकर्ताओं से साफ कहा गया कि अब गांवों में भ्रम नहीं, विज्ञान की बात होनी चाहिए। किसी को सांप काटे तो घबराएं नहीं, सीधा अस्पताल जाएं। झाड़-फूंक से जान नहीं बचती— यह संदेश हर घर तक पहुंचे, यही आशाओं की नई जिम्मेदारी है। उन्हें प्रशिक्षण और प्रचार सामग्री भी दी जाएगी।

गांव-गांव होगा प्रचार, हर आशा की निगरानी

स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है कि सर्पदंश से बचाव के लिए गांवों में पोस्टर, बैनर और ऑडियो संदेशों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। आशाओं की प्राथमिक ड्यूटी में अब सर्पदंश से जुड़ी जागरूकता भी जोड़ी गई है। हर आशा कार्यकर्ता की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी, और किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
साफ है— अब झाड़-फूंक नहीं, सिर्फ इलाज से होगी जिंदगी की सुरक्षा। स्वास्थ्य विभाग अब मैदान में उतर चुका है।

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