
व्यूरो रिपोर्ट रविशंकर मिश्रा
चंदौली जनपद के नौगढ़ अंतर्गत वन रेंज जयमोहनी और चंदौली बॉर्डर स्थित पथरहवा (बघलेटवा) क्षेत्र में रात के अंधेरे में जेसीबी मशीनों के जरिए अवैध खनन का मामला सामने आया है। वायरल हो रहे वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि किस प्रकार खनन माफिया खुलेआम वन भूमि की खुदाई कर मिट्टी और पत्थर निकाल रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि वन विभाग पूरी तरह अनजान बना हुआ है, जबकि खनन से राजस्व का लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।
रात के समय में इस तरह का वीडियो बनाने वाले पर भी हो सकता था बड़ा हादसा लेकिन सच्चाई को उजागर करने के लिए वीडियो बनाया और वायरल किया
बेखौफ खनन माफिया, विभाग की चुप्पी
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि खनन माफिया पूरी तरह बेखौफ हैं। रात- में जेसीबी मशीनें वन विभाग की जमीन पर खुदाई कर रही हैं। मिट्टी व पत्थर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर बेचे जा रहे हैं, जिससे सरकारी राजस्व की बड़ी क्षति हो रही है। लेकिन विभागीय अधिकारी मौन साधे बैठे हैं, जिससे उनके ऊपर मिलीभगत का संदेह और गहराता जा रहा है।

मिलीभगत के आरोप, जांच की मांग
क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया है कि वन विभाग की मिलीभगत से ही यह अवैध खनन चल रहा है, क्योंकि बिना विभाग की जानकारी और संरक्षण के इतनी बड़ी गतिविधि संभव नहीं है। खनन कर रहे लोगों के पास न तो कोई परमिट है और न ही कोई वैध अनुमति, फिर भी जेसीबी मशीनें रात में धड़ल्ले से खुदाई कर रही हैं। लोगों ने इस पर सख्त जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
अधिकारियों की पल्ला झाड़ने की प्रवृत्ति
इस मामले पर जब जयमोहनी वन रेंज के अधिकारी मकशुद हुसैन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह स्थान उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता। वहीं, सुकृत वन रेंज के अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि यह इलाका चंदौली सीमा के अंतर्गत आता है। अधिकारियों की यह परस्पर जवाबदेही से बचने की प्रवृत्ति चिंता का विषय है।

क्या होगी कार्रवाई?
प्रश्न यह है कि वायरल वीडियो सामने आने के बाद विभाग इस अवैध खनन पर क्या कार्रवाई करता है? क्या दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी या मामला यूं ही टाल दिया जाएगा? जनता अब इस मामले में पारदर्शिता और कठोर कदम की अपेक्षा कर रही है।