
संवाददाता विनोद यादव
Chandauli,नौगढ़, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ से संचालित 108/102 एंबुलेंस सेवाओं में खुलेआम धांधली और लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। स्थानीय सूत्रों और ग्रामीणों की मानें तो एंबुलेंस सेवा का उपयोग जरूरतमंदों की मदद की जगह फर्जीवाड़े, अवैध वसूली और मनमानी के लिए किया जा रहा है।
फर्जी लाभार्थी बनाकर कॉल – मरीजों के नंबर से बुक हो रही एंबुलेंस
सूत्र बताते हैं कि कुछ लोग मरीजों और तीमारदारों के मोबाइल नंबरों का दुरुपयोग करते हुए फर्जी कॉल दर्ज करा देते हैं। मोबाइल फोन हाथ में लेकर स्टाफ खुद 108/102 पर कॉल कर एंबुलेंस बुक करता है और फिर ‘ऊपर से कॉल आए तो कह देना मरीज पहुँच चुका है’, जैसी बातें दबाव में कहलवाता है। इससे असली जरूरतमंद मरीज समय पर एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाते।

अवैध वसूली के आरोप – सरकारी लाभ की रकम पर स्टाफ की नजर
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ एंबुलेंस कर्मी सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि का लाभ खुद उठाने के लिए फर्जी बुकिंग करवाते हैं। इससे गरीब मरीजों का शोषण हो रहा है और सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की छवि बदनाम हो रही है।
फर्जी कॉल का खेल – असली मरीजों की सेवा में हो रही देरी
ग्रामीणों का साफ कहना है कि फर्जी कॉल और स्टाफ की मनमानी के कारण कई बार वास्तविक मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिल पाती। देर से सेवा मिलने के कारण गंभीर मरीजों की जिंदगी तक खतरे में पड़ जाती है। ग्रामीणों का दावा है कि यह खेल लंबे समय से जारी है और शिकायतें दबा दी जाती हैं।
अधिकारियों की नाक के नीचे मनमानी – कार्रवाई का इंतज़ार
स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारियों को सब पता होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे पूरे सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी कई संदेह पैदा कर रही है।
गोपनीय जांच की मांग – “दूध का दूध, पानी का पानी हो”
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष व गोपनीय जांच कराई जाए, ताकि गरीब व असहाय मरीजों के साथ हो रहे इस शोषण पर रोक लग सके। सवाल साफ है—आखिर स्वास्थ्य विभाग कब जागेगा और नौगढ़ में एंबुलेंस सेवाओं का सच कब सामने आएगा।




