
संवाददाता विनोद यादव
नौगढ़ (चंदौली)।
जयमोहनी रेंज अंतर्गत गहिला जंगल में वन्यजीव शिकार की एक बड़ी साजिश को वन विभाग की सतर्कता ने नाकाम कर दिया। बुधवार देर रात जंगल में फायरिंग की सूचना मिलते ही सक्रिय हुई वन विभाग की टीम ने त्वरित घेराबंदी कर दो शिकारियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया, जबकि चार अन्य आरोपी हथियार लेकर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।

वन क्षेत्राधिकारी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि रात करीब 11:55 बजे धौठवां बीट के शिकारगंज-16 क्षेत्र स्थित वन्यजीव अभयारण्य से फायरिंग की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इसी दौरान एक थार जीप (संख्या JH10BW6386) तथा एक अन्य वाहन जंगल से बाहर निकलते दिखाई दिए। वन कर्मियों द्वारा रोकने का प्रयास करने पर दोनों वाहन तेजी से भागने लगे।
काफी देर तक पीछा करने के बाद थार वाहन को घेरकर रोका गया। वाहन सवार आरोपी अलग-अलग दिशाओं में भागने लगे, जिनमें से दो को वन कर्मियों ने मौके से पकड़ लिया। वाहन की तलाशी लेने पर मेड इन इटली कंपनी की 12 बोर डबल बैरल बंदूक, तीन जिंदा कारतूस, एक खोखा, खून के निशान लगी बड़ी धारदार छुरी, लगभग एक किलोग्राम संदिग्ध जंगली जानवर का मांस (पालीथीन में), देशी शराब तथा टॉर्च बरामद की गई। सभी सामग्री को जब्त कर जयमोहनी रेंज कार्यालय लाया गया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भुवनेश्वर सिंह पुत्र चुनीलाल एवं घमेंद्र सिंह पुत्र अमरनाथ सिंह, दोनों निवासी ददरा (हिनौता), थाना राजगढ़, जनपद मिर्जापुर के रूप में हुई है। आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 11, 27, 29, 39(डी), 50, 51, 57 तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 व 52(क) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
बरामद वाहन व हथियारों को न्यायालय में प्रस्तुत कर राज्य सरकार के पक्ष में जब्ती की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वन विभाग ने फरार चार आरोपियों की तलाश के लिए जंगल व सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान तेज कर दिया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में शिकार की किसी भी कोशिश को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वन विभाग की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा वन्यजीव अपराध होने से बच गया।




