
संवाददाता विनोद यादव
नौगढ़/चंदौली।
वन भूमि पर अवैध कब्जे के खिलाफ वन विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए लगातार दूसरे दिन बड़ी कार्रवाई की। मझगांई रेंज के चकरघट्टा बीट अंतर्गत परसिया–भैसौंडा कंपार्टमेंट संख्या–5 में आरक्षित वन क्षेत्र में चोरी-छिपे कराए जा रहे पक्के निर्माण को शनिवार को जेसीबी से पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।
शुक्रवार को ही 40 बीघा से अधिक वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद यह दूसरी बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। काशी वन्यजीव प्रभाग, रामनगर के प्रभागीय वनाधिकारी बी. शिवशंकर के स्पष्ट निर्देश पर वन विभाग ने यह अभियान चलाया, जिससे अवैध कब्जाधारियों में हड़कंप मच गया।
शनिवार दोपहर आरक्षित वन क्षेत्र में पक्के निर्माण की सूचना मिलते ही वन क्षेत्राधिकारी अमित कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में जयमोंहनी और मझगांई रेंज की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। जांच में पाया गया कि गुप्तेश्वर चौहान सहित अन्य लोग आरक्षित वन भूमि पर अवैध रूप से पिलर खड़े कर पक्का मकान बनाने का प्रयास कर रहे थे।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन क्षेत्राधिकारी ने बिना समय गंवाए जेसीबी चलवाकर अवैध दीवारों, पिलरों और सीमेंटेड बीम को ध्वस्त करा दिया। कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन दो रेंजों के भारी वनबल की मौजूदगी के चलते विरोध जल्द ही शांत हो गया। पूरे अभियान के दौरान कानून-व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में रही।
वन विभाग ने इस गंभीर मामले में चार आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत वन अपराध का मुकदमा दर्ज कर लिया है। विभाग ने दो टूक शब्दों में कहा है कि आरक्षित वन भूमि पर अतिक्रमण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आगे भी जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ऐसी कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।
इस अभियान में वन दरोगा महेंद्र सिंह चौहान, शिवपाल सिंह चौहान, अभिषेक चतुर्वेदी, रामजी यादव, सुरेश यादव सहित बड़ी संख्या में वन कर्मचारी मौजूद रहे।




