
व्यूरो रिपोर्ट रविशंकर मिश्रा
चंदौली जनपद में लगातार बढ़ती ठंड और घने कोहरे ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है, लेकिन जिला प्रशासन की निष्क्रियता अभिभावकों की चिंता को और बढ़ा रही है। जिलाधिकारी महोदय से विनम्र अपील है कि वे केवल दफ्तर और सरकारी वाहन तक सीमित न रहें, बल्कि जमीनी हालात का स्वयं निरीक्षण करें। सुबह के समय कड़ाके की ठंड और घना कोहरा रहता है, इसके बावजूद छोटे-छोटे बच्चे घंटों स्कूल में रहने को मजबूर हैं।
परिषदीय और निजी दोनों तरह के स्कूलों में बच्चे ठंड से कांपते नजर आते हैं। कई विद्यालयों में न तो कक्षाओं को गर्म रखने की व्यवस्था है और न ही बच्चों को ठंड से बचाने के पर्याप्त इंतजाम। लंबे समय तक ठंड में बैठे रहने से बच्चों के बीमार पड़ने का खतरा बढ़ गया है। अभिभावक हर दिन डर और आशंका के साथ बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं।

इसके अलावा स्कूल वाहनों को घने कोहरे में चलाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दृश्यता बेहद कम होने के कारण दुर्घटना की आशंका लगातार बनी रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर हालात और भी गंभीर हैं, जहां पर्याप्त स्ट्रीट लाइट और सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। यदि समय रहते प्रशासन ने इस गंभीर विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
अभिभावकों की मांग है कि ठंड और कोहरे की स्थिति को देखते हुए स्कूलों के समय में तत्काल बदलाव किया जाए, छोटे बच्चों के लिए अवकाश घोषित किया जाए और स्कूल वाहनों के संचालन को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए।




