spot_img

पत्रकार की योग्यता और चरित्र सत्यापन हेतु सरकार उठाये कदम – डा. अनुराग सक्सेना

spot_img

गाज़ीपुर। पत्रकारिता के क्षेत्र में असामाजिक, अयोग्य व अपराधिक तत्वों की बढ़ती भीड़ से पत्रकारिता अपने मूल उद्देश्य से भटकती जा रही है जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। संकुचित मानसिकता के साथ ऐसे लोग सिर्फ अपनी स्वार्थ सिद्धि में लगकर पत्रकारों की मर्यादा तार- तार करते रहते हैं।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अनुराग सक्सेना की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में इस पर गहरी चिंता जताते हुए पत्रकारों ने सरकार से इस पर रोक लगाने हेतु कड़े कदम उठाने की मांग की।राष्ट्रीय सलाहकार डा. ए. के. राय ने कहा कि सामाजिक हित को ध्यान में रखकर सरकार और प्रशासन से सवाल जबाव करना और समाज को उनके हक और अधिकार के प्रति जागरूक करना पत्रकार का धर्म है। इसके लिए एक योग्य पत्रकार में समाचार लेखन, संकलन और संपादन की जानकारी अति आवश्यक है, इसके बिना पत्रकार अधूरा ही होता है। आज अनेकों मीडिया संस्थान लोभ के वशीभूत ऐसे लोगों को भी पत्रकार का तमगा दे देते हैं जिनका पत्रकारिता से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं होता।वक्ताओं ने पत्रकारिता के क्षेत्र में असामाजिक, अयोग्य व अपराधिक तत्वों की बढ़ती अनियंत्रित भीड़ पर नियंत्रण हेतु सरकार से कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार अब भी इस ओर विशेष ध्यान नहीं देगी तो पत्रकारिता का अस्तित्व संकट में पड़ जायेगा और पत्रकारिता की गरिमा धूल धूसरित होकर रह जायेगी।
जर्नलिस्ट कौंसिल ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनुराग सक्सेना द्वारा मीडिया के क्षेत्र में बढ़ती असामाजिक व अयोग्य भीड़ पर कड़ी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता के क्षेत्र में अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का बढ़ता दायरा पत्रकारिता के लिए नासूर और घातक बनता जा रहा है। ऐसे लोग अपनी आदतों और कारनामों को छिपाने, दबाने के लिए पत्रकारिता का चोला ओढ़कर लगातार पत्रकारिता की छवि को धूमिल कर रहे हैं। ऐसे लोग पत्रकार बनकर समाज में राजनैतिक लोगो के संपर्क के साथ अधिकारियों, कर्मचारियों पर रौब जमाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। इस पर रोक लगाने की सख्त जरूरत है। कहा कि
जिस प्रकार जनसंपर्क विभाग मान्यता के लिए पत्रकारों का पुलिस वेरीफिकेशन करवाती है, उसी प्रकार सरकार यह नियम बनाये कि पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले हर शक्स का पुलिस वेरिफिकेशन और चरित्र सत्यापन अवश्य हो। इसके साथ ही पत्रकार संगठनों के लिए भी अनिवार्य करें कि वे उन्हें ही सदस्य बनाए जो पत्रकार सदस्यता आवेदन फार्म के साथ पुलिस वेरीफिकेशन दें या स्वयं प्रमाणित करें कि उसके खिलाफ कोई अपराधिक प्रकरण नही है और नही कभी ऐसा अपराधिक मामला रहा है जिसमें उसे सजा हूई हो। इसी के साथ पत्रकार संगठनों को भी निर्देशित करे कि सही व्यक्ति को ही पत्रकार संगठन का सदस्य बनाया जाये्, ताकि असल कलमकारों के साथ न्याय हो और समाज मे पत्रकारो को वह सम्मान मिले जिसके वह हकदार है। श्री सक्सेना ने सरकार से इस पर गंभीरतापूर्वक विचार करने का आग्रह किया ताकि पत्रकार व पत्रकारिता की छवि को बचाया जा सके।
निर्णयोपरान्त इस पर न्याय संगत कार्रवाई हेतु संगठन द्वारा एक पत्रक देश के गृह मंत्री को भेजा गया। पत्रक में संगठन सरकार से पत्रकारिता के मूल उद्देश्य को बरकरार रखने हेतु पत्रिकारिता के क्षेत्र में आने वालों के लिए एक आवश्यक नीति निर्धारण करने और पत्रकार बनने से पूर्व उनका सामाजिक स्तर व पुलिस वेरिफिकेशन कर उनके चरित्र का सत्यापन कराने की मांग की गयी।

spot_img

Share post:

चर्चित ख़बरें

ख़बरें यह भी
Related

आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिला सिलेंडर. चूल्हा व पाइप

वसीम खान मऊ रिपोर्टर शहर के सीडीपीओ रंजीत कुमार...

You cannot copy content of this page