
संवाददाता प्रदीप कुमार शर्मा
गाजीपुर जनपद के दिलदारनगर थाना क्षेत्र में 2 मार्च 2019 को घटित एक दिल दहला देने वाली घटना में आखिरकार न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म कर उसे आग लगाकर मार डालने वाले आरोपी मेंहदी हसन को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने उसे कठोर कारावास (कैद बा मशक्कत) के साथ ₹65,000 का अर्थदंड भी भुगतने का आदेश दिया है।
घटना के समय आरोपी की चचेरी बहन घर पर अकेली थी। इसी का फायदा उठाकर मेंहदी हसन ने उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में पहचान छिपाने तथा सबूत मिटाने की नीयत से उसे आग के हवाले कर दिया। गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस नृशंस घटना से पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया था।
घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मेंहदी हसन को गिरफ्तार कर लिया था। प्रारंभिक जांच में उसके पिता की संलिप्तता सामने आने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया गया, हालांकि पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बाद में पिता को अदालत ने बरी कर दिया।
विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट) रविकांत पांडे ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान कुल 9 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनकी स्पष्ट गवाही और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी माना। उन्होंने कहा कि यह फैसला पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस निर्णय को समाज में एक सशक्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि नाबालिगों और महिलाओं के विरुद्ध जघन्य अपराध करने वालों को सख्त सजा जरूर मिलती है। न्यायालय का यह फैसला कानून व्यवस्था और न्याय प्रणाली में जनता के विश्वास को और मजबूत करता है।