
संवाददाता प्रदीप कुमार शर्मा
गाजीपुर जनपद के नवापुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय की हालत बद से बदतर होती जा रही है। इस विद्यालय में पढ़ने वाले नौनिहाल बदबूदार सीलन से भरी छत और दीवारों के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं। विद्यालय की इमारत इस कदर जर्जर हो चुकी है कि हर समय हादसे का डर बना रहता है। छतों पर फैली दरारें और दीवारों से झरता पानी किसी बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है।

गर्मी और उमस भरे इस मौसम में विद्यालय में पंखों और बिजली की कोई सुविधा नहीं है। बच्चे पसीने से लथपथ होकर बेहद कष्टदायक परिस्थितियों में पढ़ाई करते हैं। कई बार तो गर्मी और असहज माहौल के कारण बच्चों को समय से पहले छुट्टी देनी पड़ती है। वहीं, बारिश के मौसम में छत से पानी टपकता है, जिससे कमरे पूरी तरह भीग जाते हैं और बच्चों को बैठने तक की जगह नहीं मिलती।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत के बाद भी इस मामले पर कोई पहल नहीं अधिकारियों द्वारा
स्थानीय लोग, अभिभावक और सामाजिक कार्यकर्ता विद्यालय की बदहाली को लेकर कई बार शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामवासियों का कहना है कि बच्चों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण आज यह विद्यालय इस हालत में पहुंच गया है।
विद्यालय की अव्यवस्था और जर्जर इमारत को देखते हुए अब अभिभावक अपने बच्चों को अन्य स्थानों के निजी विद्यालयों में भेजने को विवश हैं। इसके चलते नवापुरा प्राथमिक विद्यालय में छात्रों की संख्या दिन-ब-दिन घटती जा रही है, जो सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।
जनहित में यह आवश्यक हो गया है कि प्रशासन इस ओर तत्काल ध्यान दे और विद्यालय की मरम्मत, बिजली, पंखे तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं की शीघ्र व्यवस्था सुनिश्चित करे, ताकि नौनिहालों को एक सुरक्षित और अनुकूल शैक्षणिक वातावरण मिल सके।
बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजीपुर,,,,
इस मामले पर गाजीपुर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा