
संवाददाता प्रदीप कुमार शर्मा
गाज़ीपुर – उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 5000 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज (विलय) करने के फैसले के खिलाफ विरोध की लहर लगातार तेज होती जा रही है। शिक्षक संगठनों के बाद अब छात्र संगठन भी इस निर्णय के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।
सोमवार को समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने गाज़ीपुर जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। हाथों में बैनर और पोस्टर लिए छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की और डीएम कार्यालय का घेराव करते हुए शिक्षा के अधिकार की रक्षा की मांग की।

प्रदर्शन के बाद छात्र नेताओं ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों के मर्ज की योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की। ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि भाजपा सरकार गरीब, दलित, पिछड़े और मजदूर वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है।
छात्र नेताओं का कहना था, “हमारा विरोध इस बात को लेकर है कि सरकार 5000 स्कूलों को बंद करके समाज के वंचित तबके के बच्चों का भविष्य अंधकार में धकेल रही है। यह शिक्षा के अधिकार और सामाजिक समानता के खिलाफ है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस जनविरोधी निर्णय को जल्द वापस नहीं लिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने “शिक्षा का अधिकार हमारा अधिकार”, “स्कूल बंद करना बंद करो”, जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इसमें छात्रों की संख्या और ऊर्जा ने प्रशासन का ध्यान अपनी ओर खींचा।
अब देखना यह होगा कि सरकार इस बढ़ते विरोध पर क्या रुख अपनाती है।