
संवाददाता रामकुमार सिंह
मीरजापुर। जैसे ही बरसात का मौसम शुरू होता है, जिले के नदी-नाले उफान पर आ जाते हैं। इसी क्रम में जरगो बांध की नदी में भी पानी का स्तर तेजी से बढ़ता है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही बड़ी-बड़ी मछलियाँ बहाव में ऊपर की ओर चढ़ने लगती हैं। यह देख आसपास के गांवों—कुम्हिया, सियरहां सहित अन्य इलाकों से बड़ी संख्या में लोग ट्यूब और जाल लेकर अवैध रूप से मछली पकड़ने में जुट जाते हैं।

स्थानीय लोगों द्वारा प्रतिदिन कई क्विंटल मछली पकड़ी जा रही है, जिसे गांव और स्थानीय बाजारों में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। यह सारा कारोबार पूरी तरह अवैध है। जानकारी के अनुसार जुलाई और अगस्त के महीने में मछलियों का प्रजनन काल होता है, इस दौरान मछली पकड़ना कानूनन प्रतिबंधित है। इसके बावजूद यह कार्य खुलेआम हो रहा है। मछली ठेकेदार द्वारा समय से पहले ही मत्स्य विभाग, पुलिस प्रशासन और उपजिलाधिकारी चुनार को लिखित रूप में इसकी जानकारी दे दी गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
अवैध मछली मारने वालों में कोई भय नहीं है। विरोध करने पर ये लोग मारपीट, गाली-गलौज और झगड़े पर उतर आते हैं। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि महिलाएं और बच्चे तक मोर्चा संभाल लेते हैं ताकि पुलिस या ठेकेदार के लोग कोई कार्रवाई न कर सकें। हाल ही में अहरौरा से पुलिस मौके पर पहुंची थी, लेकिन अवैध गतिविधि के बावजूद कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया।
मछली ठेकेदार ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए, अवैध मछली शिकार पर रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही राजस्व की हो रही चोरी को रोका जाए, ताकि सरकारी नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके और किसी बड़ी अनहोनी से पहले स्थिति को संभाला जा सके।