
वसीम खान मऊ रिपोर्टर
मऊ के शारदा नारायण हॉस्पिटल में विश्व हेपेटाइटिस डे के अवसर पर एक निःशुल्क जांच एवं टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ एकिका सिंह ने हेपेटाइटिस को एक “खामोश कातिल” बताते हुए कहा कि यह रोग बिना लक्षणों के लीवर पर गंभीर असर डाल सकता है। उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व महिलाओं की जांच बेहद जरूरी है, क्योंकि यदि मां संक्रमित है तो नवजात शिशु के संक्रमित होने की संभावना 80% तक बढ़ जाती है।
हेपेटाइटिस के लक्षण और खतरे:
- आंखों और त्वचा का पीला पड़ना
- भूख में कमी और लगातार थकान
- पेट में दर्द और असहजता
- पेशाब का गाढ़ा पीला रंग
- लीवर सिरोसिस और लीवर कैंसर का बढ़ता खतरा
हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय:
- नियमित योगाभ्यास और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना
- व्यक्तिगत स्वच्छता और संक्रमित व्यक्तियों से सतर्कता
- तनावमुक्त दिनचर्या और समय-समय पर जांच
- टीकाकरण, जो इस रोग से सुरक्षा प्रदान करता है
कार्यक्रम के अंतर्गत 65 लोगों की जांच की गई और 22 लोगों को निःशुल्क टीका लगाया गया। इस अवसर पर डॉ संजय सिंह, डॉ सुजीत सिंह, डॉ राहुल कुमार और डॉ दीपक कुमार ने भी लोगों को हेपेटाइटिस के प्रति जागरूक किया और जीवनशैली में सुधार लाकर इस रोग से बचने का संदेश दिया। डॉक्टरों ने समाज के हर वर्ग को नियमित जांच और टीकाकरण के लिए प्रेरित किया।