
वसीम खान मऊ रिपोर्टर
उत्तर प्रदेश में भारी मानसूनी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है, जिससे प्रदेश के लगभग 24 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश के 30 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, वहीं 40 जिलों में गरज-चमक और वज्रपात की संभावना जताई गई है।
भारी बारिश से प्रभावित जिले
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में: सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर
- मध्य उत्तर प्रदेश में: बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, लखीमपुर खीरी, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव
- पूर्वी उत्तर प्रदेश में: बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, महोबा, ललितपुर, मऊ
इन जिलों में भारी बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव, सड़कें धंसी और मकान गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद होने का खतरा भी बढ़ गया है।
भारी बारिश के पीछे का कारण
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में उठी हलचल और उत्तरी उड़ीसा में चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के चलते 11 अगस्त से एक बार फिर भारी बारिश का नया दौर शुरू होने जा रहा है। इसके अलावा, उत्तरी पंजाब में बना नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा है, जो अरब सागर से भारी मात्रा में नमी लेकर आ रहा है, जिससे बारिश की तीव्रता और बढ़ने की आशंका है।
नदियों की स्थिति और प्रशासन की तैयारी
बारिश के कारण कई नदियां खतरे के निशान के करीब या ऊपर बह रही हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश जारी किए हैं और प्रभावित जिलों के लिए विशेष निगरानी की व्यवस्था की जा रही है।