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डायरिया पर प्रशासन की सख्ती रंग लाई: मठउछाल गिरी में अब हालात सामान्य, माइकिंग से हुई जागरूकता

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ब्यूरो रिपोर्ट रविशंकर मिश्रा

मठउछाल गिरी (चंदौली)।
धनापुर ब्लॉक की ग्रामसभा मठउछाल गिरी में हाल ही में फैले डायरिया के प्रकोप ने जहां शुरूआत में ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था, वहीं अब प्रशासन की त्वरित और ठोस कार्रवाई ने हालात पर काबू पा लिया है। लगातार स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग और ग्राम प्रशासन की सक्रियता के चलते अब स्थिति पूरी तरह सामान्य हो चुकी है। राहत की बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से गांव में डायरिया का कोई नया मरीज सामने नहीं आया है।

डायरिया की जानकारी मिलते ही ग्राम प्रधान ओमप्रकाश गिरी, ग्राम सचिव नवनीत कुमार और एडीओ पंचायत ने मिलकर तत्काल गांव में सफाई अभियान शुरू करवाया। साथ ही माइकिंग के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया कि किस तरह से वे साफ-सफाई रखें, कौन-से पानी के स्रोत से परहेज करें, और किन सावधानियों को अपनाएं।

मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर गांव में मौजूद उथले हैडपंपों को चिन्हित कर बंद करवा दिया गया और ग्रामीणों से अपील की गई कि वे इन हैडपंपों का प्रयोग न करें। इसके स्थान पर टैंकरों के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने घर-घर जाकर जरूरी दवाएं वितरित कीं, बीमारों की जांच की और विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों पर ध्यान केंद्रित किया।

एडीओ पंचायत ने बताया, “स्वास्थ्य विभाग से समन्वय बनाकर हमने स्वच्छ पेयजल, दवाओं और माइकिंग के जरिए जागरूकता जैसे सभी जरूरी कदम उठाए। गांव की स्थिति पर लगातार नजर रखी गई।”

ग्राम सचिव नवनीत कुमार ने कहा, “हर घर तक पहुंचकर टीमों ने निगरानी की और किसी भी संदिग्ध लक्षण वाले मरीज को तुरंत प्राथमिक इलाज दिलवाया गया। साथ ही स्वच्छता पर जोर दिया गया।”

ग्राम प्रधान ओमप्रकाश गिरी ने कहा, “टैंकर से पीने का पानी पहुंचाया गया। माइकिंग कर लोगों को नियमित हाथ धोने, साफ बर्तन में पानी रखने और खुले में शौच से बचने की जानकारी दी गई। अभी भी हम गांव पर नजर बनाए हुए हैं ताकि कोई लापरवाही न हो।”

ग्रामीणों ने प्रशासन की खुलकर सराहना की।
राजेंद्र गिरी ने कहा, “शुरू में डर था कि ये बीमारी फैल न जाए, लेकिन जैसे ही दवा और पानी मिलने लगा, लोगों में भरोसा लौटा।”
कपिलदेव गिरी ने कहा, “टीम रोज घर-घर आती रही। बच्चों और बूढ़ों का खास ख्याल रखा गया। अब कोई बीमार नहीं है।”
कमलेश गिरी ने बताया, “माइक से लगातार सावधानियां बताई गईं। दवा का छिड़काव हुआ और प्रधान जी ने टंकी से पानी मंगवाकर राहत दी।”

स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा निगरानी अब भी जारी है। अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी तरह की पुनरावृत्ति न हो और ग्रामीण सतर्क बने रहें। प्रशासन ने साफ किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और स्वच्छ जल आपूर्ति को लेकर अब किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी।

इस सफल अभियान ने साबित कर दिया है कि समय रहते अगर प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और ग्रामीण एकजुट होकर काम करें तो किसी भी आपदा पर काबू पाया जा सकता है। मठउछाल गिरी गांव आज राहत की सांस ले रहा है और उदाहरण बन गया है कि कैसे सजगता और सामूहिक प्रयास से संकट को टाला जा सकता है।

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