
व्यूरो रिपोर्ट रविशंकर मिश्रा
चंदौली जनपद के बबुरी थाना क्षेत्र के बुधवार गांव में देर रात हुई एक दर्दनाक घटना ने प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते एक कच्चा मकान भरभराकर गिर गया, जिसमें सो रहे शिव मूरत (उम्र लगभग 65 वर्ष) और उनके पुत्र जय हिंद (उम्र लगभग 35 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसा रात के समय हुआ जब दोनों अपने पुराने कच्चे मकान में सो रहे थे। बारिश के कारण मकान की दीवारें पहले से ही कमजोर थीं और अचानक मकान ढह गया। मलबे में दबने से दोनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

हैरत की बात यह रही कि घटना के 7 घंटे बाद तक भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों और परिजनों ने कई बार फोन कर अधिकारियों को सूचना दी, लेकिन किसी ने फोन उठाने की जरूरत नहीं समझी। यहां तक कि भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह ने भी कई बार संबंधित अधिकारियों को फोन मिलाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
घटना की सूचना पर केवल बबुरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को मलबे से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। प्रशासनिक उपेक्षा को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है। लोगों का कहना है कि जब ऐसी आपदा के समय भी प्रशासन नहीं जागता, तो फिर आम जनता किससे उम्मीद करे?
ग्रामीणों ने मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता और स्थायी मकान की मांग की है। यह हादसा न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही का प्रमाण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की व्यवस्था कितनी कमजोर है।
जरूरत है कि प्रशासन तत्काल सक्रिय होकर पीड़ित परिवार की मदद करे और भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के ठोस कदम उठाए।