
ब्यूरो रिपोर्ट रविशंकर मिश्रा
उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में चार विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से तीन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है और एक सीट सकलडीहा समाजवादी पार्टी (सपा) के पास है। डबल इंजन की सरकार लगातार सड़क से लेकर सदन तक विकास की गाथा गा रही है। जिले के कई हिस्सों में सड़कों का निर्माण, स्वास्थ्य सुविधाएं, जल निकासी और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम हुआ है। लेकिन सकलडीहा विधानसभा के लोग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चूंकि यहां के विधायक प्रभु नारायण यादव समाजवादी पार्टी से हैं, इसलिए भाजपा सरकार यहां विकास कार्यों में रुचि नहीं ले रही है। कई सड़कों की हालत खराब है, नालियों की सफाई नहीं होती, और क्षेत्र में कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। जनता का आरोप है कि यहां अधिकारी भी उदासीन हैं और स्थानीय समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं।

सपा विधायक प्रभु नारायण यादव ने अपनी बात रखते हुए कहा कि वे अपने स्तर से पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्हें जो विधायक निधि मिलती है, उससे कार्य कराए जा रहे हैं और समय-समय पर विकास के प्रस्ताव भी सरकार को भेजे जाते हैं। लेकिन सत्ता पक्ष के कुछ नेता जानबूझकर उनके क्षेत्र की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया जाता है, तो सकलडीहा के लोगों को इसकी सजा क्यों दी जा रही है? उनका यह भी कहना है कि सरकार विपक्षी विधायकों के क्षेत्रों में भेदभाव करती है, जिससे जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है।

वहीं भाजपा के नेता और सकलडीहा विधानसभा से संभावित उम्मीदवार सूर्य मुनि तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश में विकास की रफ्तार को तेज कर रही है। उन्होंने दावा किया कि अगर क्षेत्र में भाजपा का विधायक होता तो सकलडीहा भी अन्य विधानसभाओं की तरह विकास की गंगा में डूबा होता। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ सभी को मिल रहा है, लेकिन स्थानीय नेतृत्व की कमजोरी के कारण सकलडीहा पिछड़ रहा है।

इस सियासी खींचतान में आम जनता ही सबसे ज्यादा परेशान है। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच विकास के कार्य ठप हैं और समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। जनता को अब जागरूक होकर यह तय करना होगा कि अगली बार नेतृत्व किसे सौंपना है—जो विकास कर सके, न कि केवल राजनीतिक बयानबाजी।
