
ब्यूरो रिपोर्ट रविशंकर मिश्रा
चंदौली,भारत में रेलवे क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा जा रहा है। अब तक भारत की सबसे लंबी ट्रेन के रूप में “सुपर वासुकी” को जाना जाता था, जिसे 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर शुरू किया गया था। यह ट्रेन 3.5 किलोमीटर लंबी थी और इसमें 295 डिब्बे तथा 6 इंजन शामिल थे। इसका उद्देश्य कोयला ढुलाई को अधिक कुशल बनाना था और इसने भारत के रेलवे नेटवर्क की ताकत का प्रतीक बनकर ख्याति प्राप्त की थी।
लेकिन अब इससे भी लंबी एक नई ट्रेन “रुद्र अस्त्र” का ट्रायल चंदौली जनपद के गंजख्वाजा से सोननगर तक किया जा रहा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस ट्रेन की लंबाई लगभग 4.5 किलोमीटर है, जिससे यह भारत की सबसे लंबी मालगाड़ियों में से एक बन सकती है। यह ट्रेन भारतीय रेलवे के डीएफसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) परियोजना का हिस्सा है, जिसे माल ढुलाई के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है।
“रुद्र अस्त्र” ट्रेन का यह ट्रायल दर्शाता है कि भारतीय रेलवे माल परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इससे न केवल माल ढुलाई की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि समय और ऊर्जा की भी बचत होगी। लंबी दूरी में भारी मात्रा में सामान कम समय में पहुंचाना संभव होगा, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
अब देखना यह है कि “रुद्र अस्त्र” का यह प्रयोग कितना सफल होता है और क्या इसे नियमित रूप से सेवा में लाया जा सकता है। यदि यह परीक्षण सफल रहा, तो यह भारतीय रेलवे को विश्व मंच पर और अधिक प्रतिष्ठा दिलाएगा। आने वाले समय में यह परियोजना देश की आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।